शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

नोटबंदी

भूखा राजू बोला था कि, अच्छे दिन कब आएंगे
मोदी जी कालेधन को,  कैसे अपने घर  लाएँगे।

वादे किए बड़े बड़े पर, काला धन कब आएगा
भूखे प्यासे हम बैठे है, कुछ हाथ हमारे भी आएगा।

पांच सौ हजार के नोटों का, चलन रात को बंद कर दिया
बड़े बड़े रईसों को भी देखो, लाईनों में खड़ा कर दिया।

फैसला एक लिया देखो, सिहासन दुर्ष्टो को डोला है
वर्षो से जो चुप थे आज, मौनी बाबा भी बोला है।

थोड़ा दुःख तुम देखो , थोड़े लाइनों में भी  जाओ
देश अपना बदल रहा है, थोड़ा तुम भी बदल जाओ

              कवि आदित्य मौर्य
                 कंटालिया

बुधवार, 23 नवंबर 2016

भूतनी की याद में एक शायरी

टूटा तो मैं भी बहुत था, पर आँखों में एक ख़्वाब सजा कर आया हु

रोयेंगी वो भी एक दिन जरूर, मैं सितारों से शर्त लगा कर आया हु।

          ✍  कवि आदित्य मौर्य ✍
                   कंटालिया

बुधवार, 16 नवंबर 2016

दादी की बात

सुन भूतनी

दादी की  हर  बात मुझे , सच्ची  लगती है
हट बेवफा तू नहीं मुझे, मेरी माँ अच्छी लगती है