भूखा राजू बोला था कि, अच्छे दिन कब आएंगे
मोदी जी कालेधन को, कैसे अपने घर लाएँगे।
वादे किए बड़े बड़े पर, काला धन कब आएगा
भूखे प्यासे हम बैठे है, कुछ हाथ हमारे भी आएगा।
पांच सौ हजार के नोटों का, चलन रात को बंद कर दिया
बड़े बड़े रईसों को भी देखो, लाईनों में खड़ा कर दिया।
फैसला एक लिया देखो, सिहासन दुर्ष्टो को डोला है
वर्षो से जो चुप थे आज, मौनी बाबा भी बोला है।
थोड़ा दुःख तुम देखो , थोड़े लाइनों में भी जाओ
देश अपना बदल रहा है, थोड़ा तुम भी बदल जाओ।
कवि आदित्य मौर्य
कंटालिया