मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

रैगर एकता (एक मिसाल)

समाज एकता के बल पर, हम आसमान तक जाएंगे
राह में भले रोड़े आये, हर आफ़त से टकरा जाएंगे।
राजभवन तक बात चले, हुँकार में ऐसी ताल दो
क्या होती हैं एकता, तुम दुनिया को मिसाल दो।

कदम बढ़ा दो सब मिलकर, नदियों की धार बदल जाएगी
जिन्होंने अपना किया है शोषण, कुर्सी उनकी हिल जाएगी।
दुश्मन अपना कांपे थर थर, खुद को ऐसे ढाल दो
क्या होती हैं एकता, तुम दुनिया को मिसाल दो।

कब तक पीछे रहेंगे हम, कब तक सड़को पर घूमेंगे
तकनीक भरी इस दुनिया मे, कब तक पैरों को चूमेंगे।
मचे खलबली चहु ओर, राज सिंहासन को संभाल दो
क्या होती हैं एकता, तुम दुनिया को मिसाल दो।

उठो जागरण की बेला हैं, आलस में ना आराम करो
सारी दुनिया देखे हमको, अब कुछ ऐसा काम करो।
विभीषण बनकर गुम रहे जो, उनको छान निकाल दो
क्या होती हैं एकता, तुम दुनिया को मिसाल दो।