शुक्रवार, 3 मार्च 2017

माँ (निवाला)

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खुद रह कर के भूखी, भूख बच्चो की मिटा देती है......
अपने मुंह का निवाला भी, मेरी माँ मुझे खिला देती है।

         कवि आदित्य मौर्य
             कंटालिया
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