बुधवार, 25 अप्रैल 2018

ख़्वाब उन के

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   छत पर चढ़ कर रोज, वो मुझे इशारा करती थी
परदे के पीछे छुप कर, वो मुझे निहारा करती थी।

   सुन ना ले कोई दूजा,  हम दोंनो की प्यारी बातें
चुपके चुपके नयनों से, वो मुझे पुकारा करती थी।

शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018

जय भीम वाला हु


बहुत कर लिया तुमने शोषण, अब ना सहने वाला हूं
ठोक के सीना जोर से कहता, मैं जय भीम वाला हूं।

याद हमें हैं दिन पुराने, हाथों में पकड़ाए थे झाडू
शिक्षा से थे कोसो दूर, नहीं काम से हम थे फाड़ू।
सदियों से जूठन खाई हमने, अब ना खाने वाला हु
ठोक के सीना जोर से कहता, मैं जय भीम वाला हूं।

आरक्षण विरोधी गाने वालों, सुन लो एक बात हमारी
जात पात की सही हैं हमने, एक बहुत लंबी बीमारी।
बहुत सह लिए जुल्म तुम्हारे, अब इससे लड़ने वाला हु
ठोक के सीना जोर से कहता, मैं जय भीम वाला हूं।

अब जो जागें हैं हम तो, सत्ता की कुर्सी डोलेगी
गांव शहर की हर गली, जय भीम के नारे बोलेगी।
उठो जागरण की बेला हैं, गीत उसी के गाने वाला हु
ठोक के सीना जोर से कहता, मैं जय भीम वाला हूं।