शुक्रवार, 8 मार्च 2019

नई राह

रात बड़ी काली थी पर, उजाला बड़ा कर दिया
   रखा जो हाथ सर पर, नया सवेरा कर दिया।

   था आज तक मैं बस, गीली मिट्टी का लोंदा
   देकर आकार मुझे, पैरो पर खड़ा कर दिया।


             🖋 कवि आदित्य मौर्य
                   छोरा मारवाड़ का



मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019

पाक की नापाक हरकत



मिट जाएगा नक़्शे से अब, ना तेरा कोई सहारा हैं
सुन ले कान खोलकर, फिर घर मे घुसकर मारा हैं।

बचकानी हरकतें छोड़ दे, लाहौर हाथ ना रह पाएगा
था कभी पाक दुनिया मे, इतिहास ढूंढता रह जाएगा।
हर ज़ख्म का होगा हिसाब, अब भारी सबका पारा हैं
सुन ले कान खोलकर, फिर घर मे घुसकर मारा हैं।।

बहुत पाले है तूने आतंकी, बहुत दिया है हमको गम
40 के बदले 300 मारे, सेना ने दिखाया सबको दम।
जोड़ हाथ शरण में आजा, शेष ना अब कोई चारा हैं
सुन ले कान खोलकर, फिर घर मे घुसकर मारा हैं।।

मंगलवार, 15 जनवरी 2019

असर दुआओं का

मेरे छोटे ख्वाबों को, कुछ बड़ा बना दिया
राह की मुश्किल को, अब आसा बना दिया।

बेजान सा टूटा हुआ, एक पत्थर था मगर
आपकी दुआओं ने, मुझको हीरा बना दिया।।


कवि आदित्य मौर्य