बुधवार, 12 जुलाई 2017

लाहौर में तिरंगा

कब तक बंदे रहेंगे हम, अब जंजीर तोड़ दी जाएगी
जो आंख उठेगी वतन पर मेरे, आंख फोड़ दी जाएगी।

बीज शांति के हमने बोये, पर तूने बारुद जला डाले
कश्मीर के ख्वाब में न जाने, कितने कसाब बना डाले।।

खाने को पास दो दाने नही, भीख मांग कर लाता हैं
आतंकवाद के दम पर तु, हमकों आँख दिखाता है।

चीन के चक्कर मे पड़कर, देश को अपने बाट दिया
हिम्मत तेरी इतनी बढ़ गयी, सैनिक का सर काट दिया।।

आतंकवाद की तेरी खेती, अब तहस नहस कर डालेंगे
पीढ़ी दर पीढ़ी तड़पेगी, ऐसा सबक सीखा कर मानेगें।

कश्मीर का ख़्वाब छोड़ दे वरना, लाहौर हाथ से जाएगा
मिट जाएगा नक्शे से तू, बस तेरा इतिहास रह जाएगा।।

सोमवार, 3 जुलाई 2017

प्यासी आँखे

जुल्फों को लहरा के छत पर,
मुझसे मिलने आ जाना
मेरी प्यासी आँखों को एक,
ख़्वाब दिखाने आ जाना ।

            तेरे कानों का जुमका,
          एक मधुर गान सुनाता है
          मनमोहन सा तेरा मुखड़ा,
          एक नयी उमंग जगाता है।

जब भी तन्हा हो जाऊ,
बाहों में सुलाने आ जाना
मेरी प्यासी आँखों को एक,
ख़्वाब दिखाने आ जाना ।

           
            जब भी तुम गुस्सा होती हो,
            एक दरार सी बन जाती है
             अनजाने में ही जाने क्यों,
             हम दोनों में ठन जाती है।

मेरी वीरान सी दुनिया में,
एक आस जगाने आ जाना
मेरी प्यासी आँखों को एक,
ख़्वाब दिखाने आ जाना।


                    कवि आदित्य मौर्य
                          कंटालिया
                       8058398148