जब आसमान में बिजली चमके,
एक नयी उमंग जगा देना
आलिंगन में भर के मुझकों,
माथे पर अपने सजा देना।
काजल तुम्हारी आँखों का,
चाँद को शर्मिंदा करता है
नाक का वो पीला मोती,
सबको पागल सा करता है।
अपने हाथों के कंगन से,
आँखों की नींदे जगा देना
आलिंगन में भर के मुझकों,
माथे पर अपने सजा देना।
तुम्हारे पायल की रुनझुन,
जैसे मोहिनी गीतों की धुन
तेरी वो मीठी मधुर वाणी,
मुझको कर देती है सुन।
प्यासा प्यासा सा रहता हूं,
आँखों से मुझको पिला देना
आलिंगन में भर के मुझकों,
माथे पर अपने सजा देना।
कजरारी सी तेरी आँखे,
गालों पर है काला तिल
तेरे नशीले रूप पर,
फिसल गया है मेरा दिल।
वीराने से मन मंदिर में,
प्रेम की जोत जला देना
आलिंगन में भर के मुझकों,
माथे पर अपने सजा देना।