रविवार, 28 अक्तूबर 2018

पीड़ा नारी की



पकड़ के चोटी मुझे घसीटा, नयनों पर वार किया
आधी रात को प्रियतम ने, हमको ऐसे प्यार किया।

मीठी मीठी गाली उनकी, शक्कर जैसी लगती थी
आंखें थी बड़ी भयानक, रावण जैसी दिखती थी।
बिन गलती के हम पर, लातों से प्रहार किया
आधी रात को प्रियतम ने, हमको ऐसे प्यार किया ।।

गला दबाया प्यार से इतना, सांसे जैसे अटक गई
कुछ बोल नहीं पाई मैं, वाणी जैसे भटक गई ।
हिम्मत करके मैंने पूछा, कौनसा मैंने अपराध किया
देव तुल्य माना तुम्ही को, बस तुम्ही से प्यार किया।।

पैसे सामान दहेज ना लाई, पर प्यार की पूंजी लुटाई
घर में मुझे सम्मान मिलेगा, पापा ने दी मुझे विदाई।
अपना सब तुम्ही को माना, तुम्हारे लिए श्रृंगार किया
बदले में तुमने हमको ये, कैसा अनोखा उपहार दिया।।

कब तक इस समाज मे, यू नारी ठुकराई जाएगी
धन के लालच में आरी, हम पर चलाई जाएगी।
दहेज के लोभी ने देखो, हँस कर ज़िंदा मार दिया
आधी रात को प्रियतम ने, हमको ऐसे प्यार किया ।।


           

शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2018

करवा चौथ



                करवा चौथ आ गई है, भाइयों संभल जाओ
                   नई - नई फरमाइशें, अब होने वाली है
               मौज मस्ती में बिताए, दिन सारे भूल जाओ
                मायके गई बीवी अब, घर आने वाली है ।

                  उनकी न मानी बात, फिर तो पड़ेगी डांट
                 दिवाली से पहले अब, होली मनने वाली है
                 90 वाले दादाजी, मनाओ अब खूब जश्न
                 उम्र पूरी 100 वर्ष,  तक बढ़ने वाली है ।।

बुधवार, 26 सितंबर 2018

चिराग़



मुझे देकर ग़म दुनिया भर के,
        देखों वो खुशियां मना रही हैं..

हम तो कब के बूझ चुके,
       चिराग़ वो घर के जला रही हैं।


                 कवि आदित्य मौर्य
                     कंटालिया
                8058398148

सोमवार, 18 जून 2018

पागल कह जाता है



हम रोटी मांगे तो वो, लाठी ढह जाता हैं 
भूखी प्यासी आंखों से, पानी बह जाता हैं।

खून पसीनें की कमाई से, हमने पाला हैं जिसको
जाने क्यों वो हमको, पागल कह जाता हैं।।

बुधवार, 25 अप्रैल 2018

ख़्वाब उन के

📋✍🏻......

   छत पर चढ़ कर रोज, वो मुझे इशारा करती थी
परदे के पीछे छुप कर, वो मुझे निहारा करती थी।

   सुन ना ले कोई दूजा,  हम दोंनो की प्यारी बातें
चुपके चुपके नयनों से, वो मुझे पुकारा करती थी।

शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018

जय भीम वाला हु


बहुत कर लिया तुमने शोषण, अब ना सहने वाला हूं
ठोक के सीना जोर से कहता, मैं जय भीम वाला हूं।

याद हमें हैं दिन पुराने, हाथों में पकड़ाए थे झाडू
शिक्षा से थे कोसो दूर, नहीं काम से हम थे फाड़ू।
सदियों से जूठन खाई हमने, अब ना खाने वाला हु
ठोक के सीना जोर से कहता, मैं जय भीम वाला हूं।

आरक्षण विरोधी गाने वालों, सुन लो एक बात हमारी
जात पात की सही हैं हमने, एक बहुत लंबी बीमारी।
बहुत सह लिए जुल्म तुम्हारे, अब इससे लड़ने वाला हु
ठोक के सीना जोर से कहता, मैं जय भीम वाला हूं।

अब जो जागें हैं हम तो, सत्ता की कुर्सी डोलेगी
गांव शहर की हर गली, जय भीम के नारे बोलेगी।
उठो जागरण की बेला हैं, गीत उसी के गाने वाला हु
ठोक के सीना जोर से कहता, मैं जय भीम वाला हूं।

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

रैगर एकता (एक मिसाल)

समाज एकता के बल पर, हम आसमान तक जाएंगे
राह में भले रोड़े आये, हर आफ़त से टकरा जाएंगे।
राजभवन तक बात चले, हुँकार में ऐसी ताल दो
क्या होती हैं एकता, तुम दुनिया को मिसाल दो।

कदम बढ़ा दो सब मिलकर, नदियों की धार बदल जाएगी
जिन्होंने अपना किया है शोषण, कुर्सी उनकी हिल जाएगी।
दुश्मन अपना कांपे थर थर, खुद को ऐसे ढाल दो
क्या होती हैं एकता, तुम दुनिया को मिसाल दो।

कब तक पीछे रहेंगे हम, कब तक सड़को पर घूमेंगे
तकनीक भरी इस दुनिया मे, कब तक पैरों को चूमेंगे।
मचे खलबली चहु ओर, राज सिंहासन को संभाल दो
क्या होती हैं एकता, तुम दुनिया को मिसाल दो।

उठो जागरण की बेला हैं, आलस में ना आराम करो
सारी दुनिया देखे हमको, अब कुछ ऐसा काम करो।
विभीषण बनकर गुम रहे जो, उनको छान निकाल दो
क्या होती हैं एकता, तुम दुनिया को मिसाल दो।

बुधवार, 3 जनवरी 2018

प्यारा कश्मीर

रहने को जमी नही, पर उनको आसमान चाहिए
आतंक के आवाम को, दुनिया मे सम्मान चाहिए।

सूरत तो देखी नही, कभी आईने में मगर
सुवर की औलादों को, कश्मीर जैसी शान चाहिए।